
कैबिनेट ने CSIR की क्षमता निर्माण योजना को ₹2,277 करोड़ मंजूर किया
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की क्षमता निर्माण योजना को ₹2,277 करोड़ की लागत से मंजूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य देश में अनुसंधान एवं विकास (R&D) को बढ़ावा देना और वैज्ञानिक प्रतिभा को आकर्षित करना है।
यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इस योजना के तहत, CSIR अपनी प्रयोगशालाओं और अनुसंधान केंद्रों को आधुनिक बनाएगा, नए उपकरण खरीदेगा, और वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को प्रशिक्षित करेगा।
सरकार का मानना है कि यह योजना CSIR को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में मदद करेगी और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान करेगी। यह योजना विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगी, जैसे कि स्वास्थ्य, ऊर्जा, पर्यावरण और कृषि।
CSIR के महानिदेशक ने इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह योजना CSIR को अपनी अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत करने और देश के लिए अधिक प्रासंगिक अनुसंधान करने में मदद करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि CSIR इस योजना के तहत उद्योग और शिक्षा जगत के साथ मिलकर काम करेगा ताकि अनुसंधान परिणामों को वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य बनाया जा सके।
इस योजना में निम्नलिखित प्रमुख घटक शामिल हैं:
- प्रयोगशालाओं और अनुसंधान केंद्रों का आधुनिकीकरण।
- वैज्ञानिक उपकरणों की खरीद।
- वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं का प्रशिक्षण।
- उद्योग और शिक्षा जगत के साथ सहयोग।
- अनुसंधान परिणामों का व्यावसायीकरण।
यह उम्मीद की जाती है कि यह योजना देश में वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देगी और भारत को एक वैश्विक अनुसंधान और विकास केंद्र बनाने में मदद करेगी। यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
सरकार का लक्ष्य है कि CSIR इस योजना के माध्यम से अधिक से अधिक पेटेंट प्राप्त करे और देश के लिए नई तकनीकें विकसित करे। इससे न केवल देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
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