
भारत में 53 करोड़ बैंक खाते खुले: वित्तीय समावेशन में बड़ी उपलब्धि
भारत सरकार ने वित्तीय समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए देश भर में 53 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोलने का कीर्तिमान स्थापित किया है। यह प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) जैसे सरकारी प्रयासों का परिणाम है, जिसका उद्देश्य देश के हर नागरिक को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना है।
इस योजना के तहत खोले गए खातों ने गरीब और वंचित लोगों को वित्तीय सेवाओं तक पहुंचने में मदद की है, जिससे वे बचत करने, ऋण प्राप्त करने और अन्य वित्तीय उत्पादों का उपयोग करने में सक्षम हुए हैं। सरकार का मानना है कि वित्तीय समावेशन आर्थिक विकास और सामाजिक उत्थान के लिए आवश्यक है।
जन धन योजना, जो 2014 में शुरू हुई थी, का लक्ष्य हर घर को कम से कम एक बैंक खाते से जोड़ना था। इस योजना के तहत खोले गए खातों में न्यूनतम बैलेंस रखने की अनिवार्यता नहीं है और खाताधारकों को रुपे डेबिट कार्ड भी जारी किए जाते हैं।
इन खातों के माध्यम से सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) भी करती है, जिससे लाभार्थियों को सीधे उनके खातों में पैसा मिलता है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिलती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, क्योंकि इससे लोगों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में शामिल होने और अपनी बचत को सुरक्षित रखने का अवसर मिलेगा। इसके अतिरिक्त, इससे डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा और नकदी पर निर्भरता कम होगी।
सरकार ने इस उपलब्धि को वित्तीय समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है और कहा है कि वह भविष्य में भी इस दिशा में काम करती रहेगी। सरकार का लक्ष्य देश के हर नागरिक को वित्तीय रूप से सशक्त बनाना है ताकि वे बेहतर जीवन जी सकें।
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